Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2019 · 4 min read

लेख

#रामजल #मीणा और #जेएनयू
सब कुछ याद कर ही रहे हैं तो, इन्हें भी याद कर ही लीजिए ।
शायद दिमाग के बन्द खिड़की किवाडी ही खुल जाय।
ये हैं राजस्थान के ‘ रामजल मीणा ‘ कुछ याद आया क्या … नहीं ? कोई नहीं हम याद दिला देते हैं
ये वो गरीब छात्र है जो जेएनयू में गार्ड की नौकरी करते हुए भी जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास की और पूरे देश में मिशाल बन गया।अपने देश से लेकर विदेश तक सब ने तारीफ कि थी सब ने यही कहा जेएनयू वो शिक्षण संस्थान है जहां गरीब से गरीब बच्चा उच्च शिक्षा का अपना सपना पूरा कर सकता है।
लोग रामजल मीणा और जेएनयू की तारीफे करते नहीं थक रहे थे।
आज वही रामजल मीणा होस्टल छोड़ने को विवश है।
कारण बताने की जरूरत तो शायद बिल्कुल ही नही है।
कारण तो दो हजार के नोट में चिप वाले बाबू और मैडम बता ही रहे है चिल्ला चिल्ला के तो बाकी क्या है ?
आज इस्थिती ये है राजमल और उनके जैसे न जाने कितने छात्रों की जिंदगी दाव पे लगी है ।
ये सिर्फ़ जेएनयू की बात नहीं ये पूरे देश के ध्वस्त होते सिक्षण संस्थानों की बात है।
जो लोग कभी जेएनयू का मुंह भी नहीं देखे होंगे वो लोग भी कवायत कर रहे हैं कि वहां के छात्र ये कर रहे है वो कर रहे हैं।
अरे जरा अपने अंटे में भी झांको और ईमानदार होकर बोलो आप लोग चाहे जहां भी रहते हों जिस किसी भी शिक्षण संस्थान में पढ़ते हों या पढ़ चुके हों। क्या आप को विपरीत लिंग से आकर्षण नहीं होता? क्या आप प्यार के झंडे नहीं गारते या सेक्स नहीं करते ? या जितनी भी कंडोम की फैक्ट्री है सब जेएनयू के ही रहमो करम पर चल रही है? ये कौन सी ऎसी अलग बात जेएनयू में हो रही जो और कहीं नहीं होती?
ये मनुष्य से जानवर तक की खाने के बाद जो सबसे जरूरी जरूरत है वो है सेक्स और जो सब करते हैं। कोई शादी के नाम पर कोई प्रेम के नाम पर कोई लिविंग रिलेशन के नाम पर कोई खुल के तो कोई छुप के।
मेरी बातें अगर गलत है तो बताईए मुझे देश में इतने चकला घर ‘ वेश्यालय ‘ क्यूं है?
वो कौन लोग है जो रात में अपना मुंह काला करने जाते हैं और दिन में महात्मा हो जाते हैं?
और सोसल मीडिया पे ज्ञान झारते हैं?
नियुज रूम को सेक्स पर चर्चा का अखाड़ा बनाए हुए हैं? वो कौन लोग है जो औरतों और बच्चों को इस काम के लिए खरीदते और बेचते है?
उन महफिलों का कोई चर्चा क्यूं नहीं करता जिन महफिलों में देश के नामी गरामी लोग शराब और सबाब का आनन्द उठाते हैं?
जेएनयू को देश का सबसे सस्ता कोठा कहने वाले लोग ये क्यूं नहीं बताते कि सबसे महंगा कोठा कहां है?
कितने स्वामियों ने तो भगवान के आड में इसे धंधा बना दिया ।
बलात्कारियों का साथ देने वाले लोग आज स्वेक्षा से किए गए यौन सम्बन्ध पर अंगुली उठा रहे हैं, वो भी बेशर्मी के साथ।
लेकिन जिस पर सवाल उठाना चाहिए उस पर नहीं बोलेंगे
कोई पूछे तो इन लोगों से कि सिक्षा जैसे जरूरी काम पे सरकार पैसा क्यूं नहीं खर्चना चाहती? शिक्षा पर वैसे ही बहुत कम खर्च करती है इस देश की सरकार सैकड़ों देश अपने देश से ज्यादा खर्च करती है। मेरे ख्याल से यहां शायद जीडीपी का ३.३ परसेंट ही खर्च होता है। उस में भी आवंटित सारा पैसा ये लोग खर्च नहीं करते अभी हाल फिलहाल में कैग के एक रिपोर्ट से पता चला है कि2019 में शिक्षा में आवंटित पैसे मे से एक लाख करोड़ रुपया सरकार ने खर्च ही नहीं किया, सोच के देखिए ऎसा क्यूं है?
वहीं विदेशों में लोग इस बात पर चुनाव लड़ रहे है कि शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त कर दिया जाय लेकिन हमारा देश… तो गजब के भंडों से भरा पड़ा है। विश्व गुरु बनेंगे जरूर लेकिन कागजों और न्यूज रूम में।
मै पूछती हूं जहां पूरी दुनियां के लोग मुफ्त सीक्षा और स्वास्थ्य मांग रहे हैं तो अगर जेएनयू के छात्र भी वही तो मांग रहे हैं।
तो उनका साथ देने के बदले लोग गलियां क्यूं बक रहे हैं? क्या उनकी मांगे अगर पूरी हो जाएगी तो फायदा सिर्फ उन्हें ही होगा? या पूरे देश के बच्चों को होगा? दूसरे देशों में जनता से मीडिया तक इस अभियान में नौजवानों का साथ दे रहे है और अपने यहां की भांड मीडिया और भक्त चादर की सलवटें गिनने में व्यस्त हैं। जिन्हें खुद मौका मिले तो चोका मारने से बाज नहीं आएंगे । गजब का तू रंगीला गजब तेरा लीला… #जय हो
… #सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 557 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Sakshi Tripathi
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गज़रा
गज़रा
Alok Saxena
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
Ravi Prakash
सुहासिनी की शादी
सुहासिनी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
"दरपन"
Dr. Kishan tandon kranti
ऑंखों से सीखा हमने
ऑंखों से सीखा हमने
Harminder Kaur
बेदर्दी मौसम🙏
बेदर्दी मौसम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
जोकर
जोकर
Neelam Sharma
अभी ख़ुद से बाहर
अभी ख़ुद से बाहर
Dr fauzia Naseem shad
गठबंधन INDIA
गठबंधन INDIA
Bodhisatva kastooriya
पश्चिम हावी हो गया,
पश्चिम हावी हो गया,
sushil sarna
// ॐ जाप //
// ॐ जाप //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-527💐
💐प्रेम कौतुक-527💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
अल्फाज़ ए ताज भाग-11
अल्फाज़ ए ताज भाग-11
Taj Mohammad
हमसफर
हमसफर
लक्ष्मी सिंह
बिना तुम्हारे
बिना तुम्हारे
Shyam Sundar Subramanian
ये न पूछ के क़ीमत कितनी है
ये न पूछ के क़ीमत कितनी है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
जीवन बेहतर बनाए
जीवन बेहतर बनाए
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...