लेख
एक उम्मीद थी अब वो भी टूटी समझो
उसकी हर बात को तुम झूठी ही समझो !
———————————————
चारों तरफ़ मिडिया में कुछ गिने चुने चैनलों को छोड़ कर यही सोर है कि प्रधान सेवक से डर कर पाकिस्तान ने ‘विंग कमांडर अभिनंदन’ को छोड़ दिया। चलो मान लेती हूँ,अब मुझे जरा ये बता दो ये जो डर का गोली
पाकिस्तान को प्रधान ने अब खिलाया है उसे कुलभूषण जाधव के समय पर क्यों नहीं खिलाया। वो भी तो पूर्व नौसेना अधिकारी थे उन के समय में 56 इंच का सीना क्यों नही दिखाया ?
29 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने इन्हें बलूचिस्तान से गिरफ़्तार बताया, और भारत सरकार कहती है कि इनको ईरान से अपहरण कर के ले जाया गया। अब मेरी गणना सही नहीं है आप लोग खुद गिनती कीजिये और बताइए कितने दिन महीने या साल हुए। अब तक नही डरा पाए।
सिर्फ इस लिए न कि उस से उन की सत्ता बनाए रखने में कोई सहूलियत नहीं मिलने वाली थी !
देश कि जनता को मुर्ख बनाना और मुर्ख समझना बंद करो। कुछ काम नहीं बचा तो युवाओं का ही सोच लो जो चयन के बाद भी ज्वाइनिंग का इंतजार दो सालों से कर हैं। जिन्हें कलक्टर होना था वो होटलों में प्लेट साफ कर रहे हैं और तुम लोग बैठ कर जुमला मंडली चला रहे हो। शर्म कर लो थोड़ा। …
गजब धूर्तई है मिडिया और उनके बापों का ।
।।सिद्धार्थ।।