लेखनी से न्याय
औरों को जो दे सके
कुछ सार्थक संदेश
गाने में भी आसान हो
रस कुछ मिले विशेष
मानव मन को कुरेद दें
पीड़ा से कराएं साक्षात्कार
अंतर्वेदना को शब्दों में ढाल
विचारों को दें व्यापक आधार
पाठक को भी लगे यह कि
है कहीं उनकी अपनी पीर
कथ्यों में भी उसे नजर आए
समाज की असल तस्वीर
ऐसी रचना को ही मानिए
कविता का असली पर्याय
जो वैसी रचना लिखे सच वो
ही कर रहा लेखनी से न्याय