“लेखनी का उद्देश्य”
कविता
“लेखनी का उद्देश्य”
नियमों और व्याकरण से परे,
लिखो वही जो हृदय कहे,
जो हो सच्चाई से ओत-प्रोत,
भावनाएं ही हों जिनका स्रोत,
पढ़ जिसे मन में हो उत्तपन्न तरंग,
जिसे सुन सब हो जाए प्रशन्न,
लेखनी का अर्थ केवल
आदर्श समाज को ही नहीं दर्शाना है,
अपितु, समाज में छुपे कुछ
बातों को भी सामने लाना है,
जिससे समाज का हो कल्याण,
जो दे सके देश विकास में योगदान,
अगर रखे कुछ बातों का ध्यान,
तभी आएगी लेखनी समाज के काम।।
स्वरचित एवं मौलिक,
✍?कीर्ति
26.06.21