Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2024 · 1 min read

लेखक होने का आदर्श यही होगा कि

लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
समाज की कुरूपता को बाहर लाएं और
एक सभ्य, सुसंस्कृत, राष्ट्र बनाएं
_ सोनम पुनीत दुबे

2 Likes · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
मर्यादाएँ टूटतीं, भाषा भी अश्लील।
मर्यादाएँ टूटतीं, भाषा भी अश्लील।
Arvind trivedi
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
Ravikesh Jha
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
Ravi Prakash
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
" कद्र "
Dr. Kishan tandon kranti
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
My life's situation
My life's situation
Chaahat
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
बच्चे
बच्चे
Shivkumar Bilagrami
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*
*"वो भी क्या दिवाली थी"*
Shashi kala vyas
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
लिबासों की तरह, मुझे रिश्ते बदलने का शौक़ नहीं,
लिबासों की तरह, मुझे रिश्ते बदलने का शौक़ नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
4059.💐 *पूर्णिका* 💐
4059.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
जो सुनता है
जो सुनता है
Meera Thakur
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
Neelofar Khan
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Swami Ganganiya
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
Sunil Maheshwari
मां की कलम से!!!
मां की कलम से!!!
Seema gupta,Alwar
"" *सपनों की उड़ान* ""
सुनीलानंद महंत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
💐अभिनंदन💐
💐अभिनंदन💐
*प्रणय*
Loading...