लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
यारों मैं बदनाम हूँ , लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम।
तुम मत लगाना दिल किसी से, होगा यही अंजाम।।
यारों मैं बदनाम हूँ ——————————–।।
क्यों तुमने मेरा दिल यह लूटा, तुमने हकीकत क्यों नहीं बताई।
क्यों तुमने उस दिल को खुश किया,जिसने की तुमसे बेवफाई।।
जख्म किसी ने उसको दिया, और लिया उसने मेरा नाम।
तुम मत लगाना दिल किसी से, होगा यही अंजाम।।
यारों मैं बदनाम हूँ ——————————–।।
हंसती है वह दिल तोड़कै मेरा, हाथ मेरा छोड़ सफर में।
सींचा चमन उसका अपने लहू से, रोशन किया उसको उसके शहर में।।
करनी थी उसको तारीफ मेरी, उसने लगा दिया मुझपे इल्जाम।
तुम मत लगाना दिल किसी से, होगा यही अंजाम।।
यारों मैं बदनाम हूँ ——————————-।।
होता अगर बेखबर मैं उससे, बचती नहीं उसकी कुछ भी इज्जत।
कर दिया होता बर्बाद उसको, होती नहीं यदि मुझमें शराफत।।
हर खुशी दी उसको मैंने, फिर भी बुराई की मेरी सरेआम।
तुम मत लगाना दिल किसी से, होगा यही अंजाम।।
यारों मैं बदनाम हूँ —————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)