लूट
कोई लूट रहा कोई लुट रहा
कोई लुटते लुटते आँखों से फूट रहा
गोदामों में मिलिक के लगाए ताले है
बूढ़े – बच्चों का भूख से दम घूट रहा
राम नाम के नारों में राम का घर बनवाने में
लाखों दिनों के जीवन में अंधियारे का सूरज फूट रहा
~ सिद्धार्थ
कोई लूट रहा कोई लुट रहा
कोई लुटते लुटते आँखों से फूट रहा
गोदामों में मिलिक के लगाए ताले है
बूढ़े – बच्चों का भूख से दम घूट रहा
राम नाम के नारों में राम का घर बनवाने में
लाखों दिनों के जीवन में अंधियारे का सूरज फूट रहा
~ सिद्धार्थ