लीजिए प्रेम का अवलंब
जहां कहीं विश्वास का
होता है प्रबल अभाव
वहां पग पग पे षड्यंत्र
का बढ़ता रहता प्रभाव
खल और छल, छद्म का
आवरण रहता चहुंओर
एक दूजे को अरि सदृश
दिखें सब जीव घनघोर
आशंका के घन गहराते
रहते उस परिवेश में सदा
प्रेम और विश्वास का भाव
तिरोहित हो जहां यदा कदा
जो चाहिए सुख और शांति
तो लीजिए प्रेम का अवलंब
इर्द गिर्द के परिवेश में होगा
ऊर्जा का संचार अविलंब