लिख लिया लिख लिया— मनहरण घनाक्षरी
लिख लिया लिख लिया,नाम तेरा लिख लिया ।
इस दिल पर मैंने ,नाम तेरा लिखा है।।
तू ही मेरी चंद्रमुखी , पाके तुझे मैं तो सुखी।
प्यार का सलीका भी,तुझसे ही सीखा है।।
रूप है अनूप तेरा,जिसपे मेरा पहरा।
तेरे जैसा रूप नहीं,ओर कहीं दिखा है।।
यह जीवन हमारा ,एक दूजे का सहारा।
संसार भी तो सारा,प्यार से ही टीका है।।
राजेश व्यास अनुनय