लिख दूं (ग़ज़ल)
आज मन की बात लिख दूं ।
दोस्तों का घात लिख दूं ।।
दिन मेरे हो गये ठण्डे ,
गर्म होती रात लिख दूं ।।
उमड़-घुमड़ कर आंख से ,
हुई जो बरसात लिख दूं ।।
दांव जब सीधा पड़ा था ,
हुई कैसे मात लिख दूं ।।
नाक ऊंची आज, उनकी ,
क्या करूं औकात लिख दूं ।।
जख्मों ने दी है जो अब-तक,
हयात-ए-सौग़ात लिख दूं ।।
बेसबब़ जो तंज़ कसता ,
आदमी की जात लिख दूं. ।।
जो ख़ुदा से मिला देगी ,
आज ऐंसी नात़ लिख दूं ।।
ईश्वर दयाल गोस्वामी ।
कवि एवं शिक्षक ।