लिखो समस्या
दर्द भरी अब ग़ज़ल ना लिख।
सबकुछ लिख वो पल ना लिख।।
लिखना है तो लिखो समस्या।
लेकिन उसका हल ना लिख।।
मेरे खातिर रोने वाली।
उन आँखो में जल ना लिख।।
कालपात्र के हर नायक के।
आगे अब तो खल ना लिख।।
उसको कब भाता है “बेशर्म”।
चूड़ी और काजल ना लिख।।
विजय बेशर्म
9424750038