“लिखूँ मैं”
शब्द लिखूँ ,गीत लिखूँ, छन्द लिखूँ मैं ,
आज नव – रूप सजा उमंग लिखूँ मैं।
भोर के उजास सी नव – कामनायें,
प्रीत के श्रृंगार में नव -रंग लिखूँ मैं।
आस लिखूँ,प्यास लिखूँ,उल्लास लिखूँ मैं,
आज विहग गीत नया गुनगुना के लिखूँ मैं।।
शब्द लिखूँ ,गीत लिखूँ, छन्द लिखूँ मैं ,
आज नव – रूप सजा उमंग लिखूँ मैं।
भोर के उजास सी नव – कामनायें,
प्रीत के श्रृंगार में नव -रंग लिखूँ मैं।
आस लिखूँ,प्यास लिखूँ,उल्लास लिखूँ मैं,
आज विहग गीत नया गुनगुना के लिखूँ मैं।।