Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2019 · 1 min read

लिखूँ अब क्या मैं

लिखूँ अब क्या मैं ?
मुझे लिखना नहीं आता।
लिख लेता हूँ उलझुलूल
मन में जो है आ जाता।
न पढ़ी है कभी कविताएँ ।
न लिखी है कभी गाथाएं ।।
क्या लिख दूँ में।
लिख लेता हूँ जो मन में
है मेरी अभिलाषाएं।
न रस का ज्ञान है मुझको।
और न ही अलंकार का
भान है मुझको।
बस लिख लेता हूँ ।
कुछ कभी-कभी ।
दिल में आ जाए जब भी ।।
काश पढ़ी होती मैंने भी मधुशाला।
या लिखा होता भजन मुरलीधर वाला।।
प्यार भी न हुआ मुझको।
न देखी कभी स्वर्ग की मैंने अप्सराएं ।।
देखी होती तो लिख लेता।
मन से श्रृंगार रस ही गढ़ लेता।
कामिनी भामिनी मंत्रमुग्धा से
अलंकरण कर लेता।
क्या कभी लिख पाऊंगा मैं ।
साहित्य सागर में कभी गोता लगा पाऊंगा मैं ।
मैं प्रसिद्ध ही तो नहीं ।
नाम भी मेरा कोई नहीं ।।
अब बता जिन्दगी तुम ही कैसे
लिख पाऊंगा मैं ।।

Language: Hindi
1 Like · 450 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
* गीत मनभावन सुनाकर *
* गीत मनभावन सुनाकर *
surenderpal vaidya
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
पहला प्यार नहीं बदला...!!
पहला प्यार नहीं बदला...!!
Ravi Betulwala
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
दुर्लभ अब संसार में,
दुर्लभ अब संसार में,
sushil sarna
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
उल्लासों के विश्वासों के,
उल्लासों के विश्वासों के,
*प्रणय*
दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है,
Ajit Kumar "Karn"
बहुत प्यारी है प्रकृति
बहुत प्यारी है प्रकृति
जगदीश लववंशी
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
कवि रमेशराज
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण यह भी है की यह पर पूरी
Rj Anand Prajapati
सहज - असहज
सहज - असहज
Juhi Grover
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चोट
चोट
आकांक्षा राय
खामोश से रहते हैं
खामोश से रहते हैं
Chitra Bisht
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
अरविंद भारद्वाज
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
छोटी कहानी -
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
Loading...