लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
लिखा है किसी ने यह सच ही लिखा है
किसी की खुशी कोई कब देखा है
यहाँ देते हैं गम मोहब्बत के बदले
या इल्ज़ाम देंगे शराफत के बदले
दिल तोड़ कर हर कोई फेंकता है
किसी की खुशी कोई कब देखा है
मुँह मोड़ के पल में रस्ता बदल लें
रस्ता ही क्या पूरी दुनिया बदल लें
यह सारा जहां एक बहरूपिया है
किसी की खुशी कोई कब देखा है
कीमत बड़ी है इस जहां में हुस्न की
कीमत चुकाते सब यहाँ पे इश्क की
कोई देखता है तो मिलती सजा है
किसी की खुशी कोई कब देखा है
सब रूठ जाते हैं बिना कुछ कहे ही
चले जाते हैं सब बिना कुछ कहे ही
ना प्यार ना ही बेरुखी का पता है
किसी की खुशी कोई कब देखा है
हमने भी चाहा था जहां में किसी को
दिल-विल दिया था यहाँ पे किसी को
मगर क्या पता था कि वह बेवफा है
किसी की खुशी को कोई कब देखा है
स्वरचित
V9द चौहान