लिखदूं कुछ अलफ़ाज़ में यूँ जो पढे तू मेरी हो जाए ।
लिखदूं कुछ अलफ़ाज़ में यूँ
जो पढे तू मेरी हो जाए ।
तनहा दुनिया से बेफिक्र हो
रख काँधे सर तू सो जाए ।
लिखदूं कुछ अलफ़ाज़ में यूँ
जो पढे तू मेरी हो जाए ।
कुछ बातें तूने खुद से की
कुछ बातें मैंने मुझसे की
क्यों ना कुछ थोड़ी बातें
एक दूजे से भी हो जाए ।
लिखदूं कुछ अलफ़ाज़ में यूँ
जो पढे तू मेरी हो जाए ।
कपिल जैन