लिखता हू नाम उनका पन्नों की दीवारों में
लिखता हू नाम उनका पन्नों की दीवारों में
रंग देता हू अक्सर उनको रंगों के इशारो में
बढ़ जाता है प्यार दिलो में
उनके प्रतिबिम्बत व्यवहारों में
रख लेता हू संभाल कर उन पलो को
अक्श के चौबारों में
एक पल में हरण कर दिया
दिल के बंधित द्वारों को
मिटा दिया उस दर्पण को
रबर के तीखे अंगारो से
रह गया अकेला जमी पे काजग
बिखरे बिखरे बौछारो में
#देवशिवा