लिंक
उधर लिंक है और इधर लिंक है।
किसका नहीं और किधर लिंक है।
मुझे मेरी किस्मत को बदलवाना है,
कोई आके बता दे अगर उधर लिंक है।
लिंक लग जाएगा सब बदल जाएगा।
वक्त ऐसे लुढ़कते ही ढल जाएगा।
किस्मत को पलटने का दम रखते हैं,
भगवान तक उनका इस कदर लिंक है।
आज कल अभी मारे मारे हुए हैं।
किस्मत के कारण बेचारे हुए हैं।
अपनी ही बदलवा लें वो मेरे जनाब,
सरकार उनकी है उम्रभर लिंक है।
डील करते रहते हैं अब सारे विभाग।
अमोनिया से उनके जलते हैं चिराग।
देखने तक का सलीका न सीख पाए
कभी,
पर आंखों की उनके एक नजर लिंक है।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी