लाल लहू का रंग है भाई
लाल लहू का रंग है भाई
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हिन्दू,मुस्लिम, सिख,ईसाई,
लाल लहू का रंग है भाई।
धर्म नाम पर कट मर जाते,
इंसानियत है गिरती आई।
मजहबी दंगे है हानिकारक,
बंधुत्व है सब से बड़ी दवाई।
जाति पाति भेद मिट जाए,
शान्ति की देगी गूँज सुनाई।
नेता खेलते खून की होली,
राजनीति की साख गिराई।
रक्षक गर भक्षक बन जाए,
चारों ओर है तबाही मचाई।
हर कोई है कौम रखवाला,
अखंडता है गिरवीं रखवाई।
फसादों में कुछ नहीं रखा,
भाईचारे में सबकी भलाई।
एकता के सूत्रधार बनो तो,
दिल से है देता फिरे दुहाई।
मनसीरत सच्चे इंसान बनो,
जनमानस से गुहार लगाई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)