Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2017 · 1 min read

लाल बिहारी लाल के पर्यावरणीय गीत- प्रदूषण का नंगा दानव

पर्यावरणीय गीत- प्रदूषण का नंगा दानव

लाल बिहारी लाल

प्रदूषण का नंगा दानव नाच रहा है दुनिया में
इस दानव को रोको वरना आग लगेगी दुनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

रो रही है धरती मैया, रो रहा आसमान है
वन धरा से सिमट रहे है, मिट रही पहचान है
मीठा जहर नित घूल रहा है स्वच्छ निर्मल पनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

जल,थल पवन और गगन सभी हो गये इसके शिकार
जीव-जन्तु, मानव और पादप झेल रहे है इसके मार
दो को चार बनाने खातिर मानव लगा है धुनिया मे
प्रदूषण का नंगा दानव……..

कही शोर कही कलकरखाना सभी बन गये हैं दूत
चारो तरफ धुआं-धुआं है चढ़ा है परिवहन का भूत
जीवन सिसक रही धरती पर अज्ञानी और गुनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

किसे कहे औऱ क्या कहे आत्मा की अपनी बाते
दिन धूंधला–सा हो गया है हो रही है काली राते
लाल बिहारी ‘लाल’ युवा दिख रहा है पुरनिया में
प्रदूषण का नंगा दानव……..

* सचिव-लाल कला मंच, नई दिल्ली
फोन-9868163073 या 7042663073

Language: Hindi
338 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू
तू
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मंजिल
मंजिल
Swami Ganganiya
बरबादी   का  जश्न  मनाऊं
बरबादी का जश्न मनाऊं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जय जगदम्बे जय माँ काली
जय जगदम्बे जय माँ काली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"सियासत में"
Dr. Kishan tandon kranti
#सत्यकथा
#सत्यकथा
*Author प्रणय प्रभात*
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
Rajni kapoor
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
सत्य क्या है?
सत्य क्या है?
Vandna thakur
समय आयेगा
समय आयेगा
नूरफातिमा खातून नूरी
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
इक्कीसवीं सदी के सपने... / MUSAFIR BAITHA
इक्कीसवीं सदी के सपने... / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुद की तलाश
खुद की तलाश
Madhavi Srivastava
काश कभी ऐसा हो पाता
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
जय लगन कुमार हैप्पी
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपना बिहार
अपना बिहार
AMRESH KUMAR VERMA
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
Loading...