Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2022 · 4 min read

लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे…….

लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे…….

माना कइयों ने चाहा है ,इस भारत का नव उत्थान।
लाल बहादुर शास्त्री को भी, थोड़ा सा दे दो सम्मान।
राष्ट्र हितैषी नारा जिनका, जय किसान जय वीर जवान।
उनके हत्यारे को भी अब, लाओ सम्मुख हिंदुस्तान।

चीन से युद्ध हारने के कारण ,प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू मानसिक दबाव और तनाव में जा चुके थे,और अचानक उनका देहावसान हो गया।
देश को नए नेतृत्व की जरूरत थी,ऐसा नेतृत्व जिसमें हिम्मत हो ,हौसला हो,निडरता हो,बुद्धि विवेक हो,सजगता हो और जो विषम परिस्थिति से भारत को बाहर निकाल सकने के योग्य हो।
ऐसे में प्रधान मंत्री पद के दावेदार तो बहुत थे,लेकिन भगवान वामन के सामान कद काठी वाले और अत्यंत साफ सुथरा सादा वैचारिक छवि रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री के जैसे कोई न था।
लाल बहादुर शास्त्री प्रधान मंत्री बन गए , क्यूंकि अन्य विकल्प नहीं था।

उस समय जहां एक तरफ गरीबी और भुखमरी से जूझ रहे भारत को अमेरिका से लाल गेहूं आयात करना पड़ता था,वो भी कई शर्तों पर चलकर ,तो दूसरी तरफ भारत पर युद्ध संकट भी बना हुआ था, ऐसे में देश को सही दिशा में ले जाना कठिन था,
लाल बहादुर शास्त्री जी ने ,दिल्ली में सोमवार के दिन देश के जनता को संबोधित करते हुए कहा,हमें अपमान जनक स्थिति में अमेरिका से लाल गेंहू आयात करना पड़ रहा है,वो लाल गेंहू जो अमेरिका में मवेशी का चारा है ,उसे भारत के लोग खाएं ,ये मुझे बर्दास्त नहीं। क्या आप समर्थन करते हैं,मेरा मानना है कि अपमान की रोटी खाने से बेहतर भूखा रहूं। देश के किसानों से गेहूं की उत्पादकता बढ़ाने की अपील की, साथ ही साथ सोमवार को भूखा रहकर आंशिक गरीबों से निकलने को प्रेरित भी किया।
देश की जनता सोमवार को देशहित में उपवास रखने के प्रति आसक्त हो गई।

सेना को मजबूती प्रदान करने के लिए उन्होंने क्रांतिकारी कदम उठाए,रक्षा बजट को देश के कुल बजट का 25 प्रतिशत कर दिया,पड़ोसियों से युद्ध की अत्यधिक खतरा थी,देश में समकालिक हथियार बनाने की दर में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई।
चीन से युद्ध हार चुके भारत के प्रति निम्न स्तरीय विचार रखने वाले पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण कर दिया,इस बाद से अनुभिज्ञ होकर कि भारत का नेतृत्व बदला गया ,नेतृत्व क्षमता बदल गया। लाल बहादुर शास्त्री जी ने सेना को खुली छूट दे दी,परिणाम यह आया कि युद्ध के 13वें दिन भारतीय सेना लाहौर पहुंच कर,भारतीय पुण्य ध्वजारोहण कर दिया।

भारत के इस रवैया ने सम्पूर्ण विश्व को हिला दिया,अमेरिका जैसे महाशक्ति की तो मानो नाक ही कट गई हो(क्योंकि वो पाकिस्तान को अंतरिक रूप से मदद कर रहे थे) ।
अपने इस हार से घुटने पर गई पाकिस्तान,,भारत के तलवे को चाटने के लिए भी तैयार था, लेकिन लाल बहादुर शास्त्री टस से मस नहीं हुए।अमेरिका ने दवाब बनाने की कोशिश की लेकिन अमेरिका लाल गेंहू पर लाल बहादुर शास्त्री के रवैया से अनिभिज्ञ नहीं था,वो जानता था कि लाल बहादुर शास्त्री को झुकाना और शांति समझौते के लिए दवाब बनाना आसान नहीं होने वाला।
सो उसने वक्र चाल से सोवियत संघ के मध्यस्ता में ,भारत को समझौते के लिए राज़ी कर लिया,लाल बहादुर शास्त्री देश के परिस्थिति के अनुरूप मान गए।

ताशकंद में समझौते के लिए गए, जहां पहले तो उनके रसोईया को अपहरण कर लिया गया और दूसरे रसोईया को वहां भेज दिया गया,समझौते के संभवत: आठवें दिन उनके खाने में जहर दे दिया गया,और लाल बहादुर शास्त्री रात्रि सोने के बाद सुबह उठे ही नहीं।
शांति के पंथ पर गए तो भारत के लाल थे,लेकिन नीले होकर निस्प्राण लौटे।

राजनीति से जुड़े होने के कारण मैं किसी भी पदासीन नेता के दबाव को भली भांति समझ सकता हूं,,जो विदेशी दबाव को झेल लेते हैं,उनके लिए भी आंतरिक दबाव को झेलना आसान नहीं होता है। देश ने ऐसा प्रधान मंत्री खो दिया जिसके सामान न तो कोई आया था न ही कोई आएगा,जहां उस महापुरुष को सम्मान मिलना चाहिए था ,वहां उनके लाश पर भी इसी भारत के राजनैतिक इतिहास में राजनीति की गई। ज़हर के प्रभाव से देह नीले हो गए थे लेकिन देश के गद्दार नेताओं ने जनता को बताया की हृदयगति रुकने से लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु हो गई,और कोई भी आंतरिक या बाह्य जांच समिति नहीं बनाई गई,उनके संदेहास्पद मृत्यु के सच को उजागर करने की कोशिश किसी ने भी नहीं की…….

भारत के सच्चे सपूत, भारत के नेताओं को राजनीति सिखाने वाले ,प्रबुद्ध भारतीय लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन करता हूं,उन्होंने अठारह महीने के अल्प कार्यकाल में जितना कर दिया ,उतना अठारह वर्ष के दीर्घ कार्यकाल पूरा करने वाले भी नहीं कर सके।
उनको सम्मानित करने के उपरांत निसंदेह भारत रत्न पुरस्कार भी गर्वित हो उठा होगा….

लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन करता हूं 🙏

©®दीपक झा “रुद्रा”

3 Likes · 1 Comment · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भीग जाऊं
भीग जाऊं
Dr fauzia Naseem shad
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
*मोती बनने में मजा, वरना क्या औकात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Agarwal
बह्र .... 122 122 122 122
बह्र .... 122 122 122 122
Neelofar Khan
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
DrLakshman Jha Parimal
.
.
*प्रणय प्रभात*
मन की ताकत
मन की ताकत
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जनता को तोडती नही है
जनता को तोडती नही है
Dr. Mulla Adam Ali
जब कोई व्यक्ति विजेता बनने से एक प्वाइंट या एक अंक ही महज दू
जब कोई व्यक्ति विजेता बनने से एक प्वाइंट या एक अंक ही महज दू
Rj Anand Prajapati
हिलोरे लेता है
हिलोरे लेता है
हिमांशु Kulshrestha
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
अपने हुस्न पर इतना गुरूर ठीक नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
खत्म हुआ एक और दिन
खत्म हुआ एक और दिन
Chitra Bisht
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
संगीत विहीन
संगीत विहीन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
gurudeenverma198
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
Phool gufran
நீ இல்லை
நீ இல்லை
Otteri Selvakumar
पापा की परी
पापा की परी
भगवती पारीक 'मनु'
व्यर्थ बात है सोचना ,
व्यर्थ बात है सोचना ,
sushil sarna
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
Sunil Gupta
मिल लेते हैं तुम्हें आंखे बंद करके..
मिल लेते हैं तुम्हें आंखे बंद करके..
शेखर सिंह
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
Jogendar singh
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
Surinder blackpen
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
Sreeraj
"किसी दिन"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
एक अधूरी सी दास्तान मिलेगी, जिसकी अनकही में तुम खो जाओगे।
Manisha Manjari
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...