* लाडो *
लाडो
मात-पिता की दुनिया-दारी,
घर आंगन की है फुलवारी,
दादा-दादी ने आस तेरे तै,
उनका मान बढाइये लाडो ।
ना गलत कदम तूं ठाईये लाडो ।
सोच समझ के चलना होगा,
दीपक की तरह जलना होगा,
प्यार-व्यार के चक्कर में,
मतन्या ध्यान डिगाईये लाडो ।
ना गलत कदम तूं ठाईये लाडो ।
सब सुखी देखना चाहवै तनै,
दुःख दर्द में आगे पावै तनै,
बस एक ही अरदास तेरे तै,
उन तै दूर ना जाईये लाडो ।
ना गलत कदम तूं ठाईये लाडो ।
बलकार गोरखपुर और के कहणा,
वक्त के आगे सबनै डर के रहणा,
गर्व करे घर-गाम तेरे पे,
उस रस्ते बढ जाईये लाडो ।
ना गलत कदम तूं ठाईये लाडो ।
©® बलकार सिंह हरियाणवी