लाचार लाशें की पुकार
लाशें कर रही पुकार,
हम तो चल बसे दुनिया से,
सह के दर्द सभी,
तुम तो ठहर जाओ अपने घर में,
कैद कर लो ख़ुद को इस नायाब पिंजड़े में,
स्थिति है खराब बहुत ,
दर्द छोड़ता ना पिछे मरने पर भी,
मिलता ना आखिर मौका,
अपनो से मिलने का,
उन्हें दो घड़ी देखने का,
अपनो का नहीं तो अपने का रख लो ध्यान,
चिख चिख के कह रहे हम,
कोई तो सुन लो बातें इन बदकिस्मती शवों का।।