लाचारी ,बेबसी और मजबूरी
लाचारी ,बेबसी और मजबूरी
किसी ने जानकर न चुनी ।
जो इनसे बचे है और हैं खुशी,
करके बड़ी बातें उन्हें न करें दुखी ।
किसी को राहत दे सकें तो सही,
वर्ना चुपचाप निकल जायें अपनी गली।
लाचारी ,बेबसी और मजबूरी
किसी ने जानकर न चुनी ।
जो इनसे बचे है और हैं खुशी,
करके बड़ी बातें उन्हें न करें दुखी ।
किसी को राहत दे सकें तो सही,
वर्ना चुपचाप निकल जायें अपनी गली।