लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
पर कतरे को समुंदर कुछ नही लगता
अब इंसानों से ज्यादा ताल्लुक़ नहीं मेरा
अब किताबों से बेहतर कुछ नही लगता
-शेखर सिंह
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
पर कतरे को समुंदर कुछ नही लगता
अब इंसानों से ज्यादा ताल्लुक़ नहीं मेरा
अब किताबों से बेहतर कुछ नही लगता
-शेखर सिंह