लाख दीदिए तर्क
कितना भी चिल्लाईये, लाख दीजिए तर्क!
सच्चाई पर झूठ का,…..नही पडेगा फर्क! !
प्रभुता मेरे देश की,…….उन्हें न आई रास !
जयचंदो से और क्या, रख सकते हैं आस! !
रमेश शर्मा
कितना भी चिल्लाईये, लाख दीजिए तर्क!
सच्चाई पर झूठ का,…..नही पडेगा फर्क! !
प्रभुता मेरे देश की,…….उन्हें न आई रास !
जयचंदो से और क्या, रख सकते हैं आस! !
रमेश शर्मा