लाकडाउन
रुखी सुखी खाय के जीवन रहें बिताय ।
घर से बाहर न निकलें ईश्वर तुम्हें सहाय ।
बदल गई है दिनचर्या सुबह देखो रामायण ।
भोजन करके रात में फिर देखो रामायण ।।
दोपहर और शाम को देख लो महाभारत ,
लाखों जन लील गया युद्ध महाभारत ।।
कोरोना वायरस ने जग को दिया डराय ।
मचा मचा आतंक वो लाखों को है खाय ।
घर में हमको कर दिया लाकडाउन ने कैद ।
लड़ने की ताकत बढ़ाने घर घर आवे वैद ।।
सोसल डिस्टेंशिंग रखो कहते सारे लोग ।
दूर दूर रहकर के जीवन जी रहे लोग ।।
दुःख के बादल छंट जायेंगे न रहना पास पास ।
पालन करो नियमों का लगाये रहो आस ।।
ओमप्रकाश भारती “ओम्”