लहू
जलने लगा आज हिन्दुस्तां, आकर कौन बचायेगा
हो रहा लहू का प्यासा हर इक ,कोई इनकी प्यास बुझायेगा
देश जले इनको क्या लेना,बस इनका सब बच जाए
वतन की खातिर आज लहू ‘देव’अपना कौन बहायेगा
जलने लगा आज हिन्दुस्तां, आकर कौन बचायेगा
हो रहा लहू का प्यासा हर इक ,कोई इनकी प्यास बुझायेगा
देश जले इनको क्या लेना,बस इनका सब बच जाए
वतन की खातिर आज लहू ‘देव’अपना कौन बहायेगा