Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2020 · 1 min read

” लहू “

?चाहे कर लो लाखों जतन ,
बदल ना पाओगे लहू का रंग ।?
भले वस्त्रों का रंग सतरंगी होगा ,?
पर लहू का रंग लाल ही होगा ।। ?

– ज्योति

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 2 Comments · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
"कलयुग का साम्राज्य"
Dr. Kishan tandon kranti
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
युग प्रवर्तक नारी!
युग प्रवर्तक नारी!
कविता झा ‘गीत’
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
थोड़ा अदब भी जरूरी है
थोड़ा अदब भी जरूरी है
Shashank Mishra
तेरी मधुर यादें
तेरी मधुर यादें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माया का संसार है,
माया का संसार है,
sushil sarna
👉 प्रभात की बात :--
👉 प्रभात की बात :--
*प्रणय*
अदब अपना हम न छोड़ें
अदब अपना हम न छोड़ें
gurudeenverma198
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
उसे खो देने का डर रोज डराता था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
Juhi Grover
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
Lokesh Sharma
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
अगर हकीकत से प्यार है।
अगर हकीकत से प्यार है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कैसे कह दूँ ?
कैसे कह दूँ ?
Buddha Prakash
मौन रहना भी एक कला है
मौन रहना भी एक कला है
Sonam Puneet Dubey
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
*मां तुम्हारे चरणों में जन्नत है*
Krishna Manshi
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
Sarita Pandey
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
Ranjeet kumar patre
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
अगर हौसला हो तो फिर कब ख्वाब अधूरा होता है,
Shweta Soni
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
आखिर तेरे इस हाल का, असल कौन जिम्मेदार है…
आखिर तेरे इस हाल का, असल कौन जिम्मेदार है…
Anand Kumar
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
Loading...