” लहर मेरे मन की “
” लहर मेरे मन की ”
सीधा साधा सरल व्यक्तित्व
राज से जुड़ा है मेरा अस्तित्व
सदा रखा मेरा मान तुमने
मीनू के हृदय का नूर है तूं,
रानू रोमी ने मारी किलकारी
खिलाई मेरे जीवन की क्यारी
तेरी हर अदा मुझे लगे प्यारी
सागर रूपी मन की लहर है तूं,
साथ दिया मेरा हर कदम पर
प्रसिद्धि में मेरी चार चांद लगाए
निखारा मुझे चमकते सितारे ज्यों
मेरे व्यक्तित्व की पहचान है तूं,
संग अपने सारी दुनिया घुमाई
मेहनत से अपनी पहचान बनाई
दुआ है मेरी रब से बस इतनी
सदा रहे हंसता मुस्कुराता तूं।