लहर के साथ सब बह कर आगए
लहर के साथ सब बह कर आगए
उखड़े पुखडे पेड़ सारे
साथ होगए नदी के किनारे
छोटे-मोटे पत्थर से लेकर
कूड़ा करकट , टूटी फूटी नाव , पतवारें
लहर के साथ सब बह कर आगए
महापंचायत के दरवाजे तक
बहाकर आया सारा मलवा
अब यहीं पड़ा रहेगा , सड़ता रहेगा
पांच साल पूरा होने तक