लहरों सी मचलती है ज़िन्दगी
लहरों सी मचलती है ज़िन्दगी,
निश्छल चंचल सी है ज़िन्दगी,
हर नये कदम पर
ख़्वाहिशें बदलती ज़िन्दगी,
कभी इम्तिहान लेकर
मुस्कराती ज़िन्दगी,
कभी सवाल करती खुद
कभी जवाब बनती ज़िन्दगी,
कभी बारिश की रिमझिम,
कभी मरुस्थली रेत सी
फिसलती ज़िन्दगी,
कभी शिकायत करती ज़िन्दगी,
कभी रूठ जाती ज़िन्दगी,
भागती दौड़ती सी ज़िन्दगी,
कोई खेल नहीं है ज़िन्दगी,
जियो ज़िंदादिली से..
इसी का नाम है, ज़िन्दगी.
सुख का अर्थ
केवल कुछ पा लेना नहीं
अपितु …. जो है उसमें
संतोष कर लेना भी है.
जीवन में सुख तब नहीं आता
जब हम ज्यादा पा लेते हैं , बल्कि
तब भी आता है ,
जब ज्यादा पाने का भाव
हमारे भीतर से चला जाता है.
सुख बाहर की नहीं,
भीतर की संपदा है.
यह संपदा धन से नहीं
धैर्य से प्राप्त होती है.
हमारा सुख
इस बात पर निर्भर नहीं करता, कि हम
कितने धनवान हैं ,अपितु
इस बात पर निर्भर करता है, कि हम
कितने धैर्यवान हैं.
सुख और प्रसन्नता
आपकी सोच पर निर्भर करती है.
प्रयास करने से कभी न चूकें.
जीवन में हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं,
विरोध नहीं तो प्रगति नहीं.
जो पानी में भीगेगा,
वो सिर्फ लिबास बदल सकता हैं,
लेकिन … जो पसीने में भीगता है,
वो इतिहास बदल सकता है.
आपके जीवन में सदा
सुख, शाँति, शक्ति, संपत्ति,
स्वरुप, संयम, सादगी,
सफलता, समृध्दि, साधना,
संस्कार और स्वास्थ्य की वृद्धि हो.
दीपाली कालरा