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3 Jan 2019 · 1 min read

” लहरें करे किलोल ” !!

गीत

मैं तनहा , सागर तनहा ,
लहरें करे किलोल !!

गहराई नीचे अनन्त ,
गहराई ऊपर अनन्त !
थाह कहाँ पाना सम्भव ,
मन डोले है दिग दिगन्त !
रहा मौन पल तोल !!

साध रहे तन मन अपना ,
भूल गये सारी रटना !
चाह अधूरी कसक जगे ,
कोरा कोरा है सपना !
दुनिया करे मख़ौल !!

सब कुछ है पर पास नहीं !
शून्य बसा है यहीं कहीं !
खोज सत्य की आज चहें ,
पैर टिके हैं कहीं नहीं ,
लगे आज भू गोल !!

हम कितने हैं गलत सही ,
मथते हैं जी रोज़ दही !
मंजिल पास नहीं दिखती ,
दूर लक्ष्य है अभी कहीं !
खुद को रहे टटोल !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 223 Views
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