Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2021 · 1 min read

लव में ज़िहाद

मोहब्बत करके छिपाता हूँ, जालिम जमाने से ।
मुखबरी ना कर दे कोई, लवजिहाद के बहाने से ।।

कहता हूँ उससे, मोबाइल पर बात ना किया कर मेरा नाम ले लेकर ।
कहीं कोई शिरफिरा ना पकड़ ले तुझे, मेरी जाति धर्म के बहाने से ।

बैग में कुछ चार कपड़े चार महजब के डाल कर मेरे पास आया कर ।
भीड़ का माहौल मिज़ाज देख कर, बदल लिया कर किनारे से ।।

सीख ले अल्फ़ाज़ दूसरी बोली भाषा के, पूछे सामने बाला,
उसी भाषा में जबाब दे दिया कर मुस्कुराकर के ।।

मोबाइल की फ़ोनबुक में मेरे नाम चार रख लेना ।
अमर,अकबर,एंथोनी, मनमोहन सिंह रख लेना ।।

पहन ले चार ताबीज़ खूबसूरत गले में अपने ।
जैसा दिखे कोई वैसा ही उजागर कर देना ।।

बुरा ना मान मेरी जान, प्यार हो गया है मुश्क़िल जमाने में।
ये देश है अपना, मोहब्बत का घरोंदा यहीं सजाने दे।।

हमारी तकलीफें बहुत है कम, सोच जरा ऊपर बाले की ।
प्यार की है निसानी जो, क्या बीत रही होगी उस दीवाने की ।।

अब क्या मुँह दिखायेगा, जंगली जानवरों को वो ।
बड़ा डीग मारता था, बनाया मैंने दिमागी इंसानो को ।।

सभी छोड़कर झंझट, कोई नया समाधान करते है ।
वतन है मोहब्बत का, भारत-भारती अपना नाम रखते है।।

Language: Hindi
1 Like · 318 Views
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all

You may also like these posts

पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज का सत्य
आज का सत्य
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
जुस्तज़ू के किनारे
जुस्तज़ू के किनारे
Vivek Pandey
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
"बहादुर शाह जफर"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
Shreedhar
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
*प्रणय*
मौसम बरसात का
मौसम बरसात का
Shutisha Rajput
राम भजे
राम भजे
Sanjay ' शून्य'
बोगनविलिया
बोगनविलिया
Meenakshi Bhatnagar
मस्तियाँ दे शौक़ दे      माहौल भी दे ज़िन्दगी,
मस्तियाँ दे शौक़ दे माहौल भी दे ज़िन्दगी,
अश्क़ बस्तरी
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
रुचि शर्मा
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
sushil sarna
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
"" *बसंत बहार* ""
सुनीलानंद महंत
किताबें
किताबें
Kunal Kanth
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
Loading...