लव जिहाद
छल प्रपंच ढोंग से लक्षित प्रेम
है लव जिहाद,
गैर- मुस्लिम माशूम बच्चियों
और महिलाओंके शोषण
का प्राय है लव जिहाद।
मजहबी जुनून से ओतप्रोत
होता है लव जिहाद,
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी
तक नासूर की तरह फैला
है लव जेहाद।
आधुनिक विचारों के आत्मघाती
ज्ञान में फसती जाती गैर मुस्लिम
बेटियां,
हाथ में कालवा तो दिख जाता
नही देख पाती जेहादियों की
टोपियां।
असलम राम का चोला ओढ़े
फंसाता अपने जाल में,
नटखट हिरणी की तरह फसती
जाती जिहादियों की चाल में।
गैर मुस्लिम लड़कियों का आचरण
और अज्ञान,
बन रहा जिहादियों के लिए वरदान।
कानपुर, केरल, कैराना हर जगह
मुल्ले कर रहे लव जिहाद
का तांडव,
गैर मुस्लिम ये सब देखते मुख-बधिर
होकर।
लगाकर अपनी आँखों पर धर्मनिरपेक्षता
का चश्मा,
अखिला न जाने कब बन जाती हैं हदिया।
ऐसा कर देते है मुल्ले गैर मुस्लिम लड़कियों
का ब्रेन वाश,
एक पल में छोड़ देती है माँ-बाप का साथ।
आधुनिकता इतना हो गया कुछ अभिभावकों
पर हावी,
दे दिया हैं बेटियों को अनियंत्रित आज़ादी।
खुद हो जाते संस्कार विहीन बेटियों को भी
संस्कार विहीन बनाते है,
न सीखते कुछ इतिहास से न ही बेटियों को
इतिहास बताते है।
खुल जाती आँख की पटल जब मुल्ले बेटियों
को भगा ले जाते है।।
फंस कर लव जिहाद के कुचक्र में बेटियां
सहती है अत्याचार,
बेच दी जाती है कोठों पर या घर
में ही होती अलग-अलग मर्दों के
हवस की शिकार।
उनके करुण-क्रंदन को कोई नही होता
सुनने वाला,
क्योंकि कानों पर कवच चढ़ा होता है
धर्मनिरपेक्षता का।
जिहादी मत के आगे आत्म समर्पित है
राजनेता,
भय है कही हाथ से निकल जाए थैला
वोटों का।
संघटित होकर गैर मुस्लिम नही करेंगे
लव जेहादियों का मान-मर्दन,
ऐसे ही चलता रहेगा लव जिहाद और
होते रहेंगे बेटियों के धर्मपरिवर्तन।
(स्व रचित) आलोक पांडेय गरोठ वाले