लरजते हुए आंसुं
लरजते हुए आंसू
लरजते हुए आंसू जो छलक जाते हैं,
खोए हुए सपनों की बहुत सी यात्रा लेते हैं।
इंसान जब उदास होता है,
तब उसकी आँखों से आंसू छलक जाते हैं।
यह आंसू अक्सर दुःख की शाही निशानी होते हैं,
छोटे से बच्चे से लेकर बूढ़े इंसानी तामसी होते हैं।
ये आंसू हमेशा सच्चेई का बयानी होते हैं,
मन के अंदर की गमों को निकालते हैं।
यह जिंदगी जीने के नाते,
आंखों की कहानी के साथे होते हैं।
जब मन पर गहरे सवालों का बोझ होता है,
तब इसकी बुझती हुई रौशनी वो बहते हैं।
लरजते हुए आंसू जो दरिया बन जाते हैं,
मन की गहराइयाँ और अल्फ़ाज़ को भर जाते हैं।
जब दिनचर्या में ही हंसने का मन होता है,
तब ये आंसू आँखों में बस जाते हैं।
ये आंसू खुशी के गहरे अहसास होते हैं,
खो जाने पर और खोया होने की अड्डा होते हैं।
लरजते हुए आंसू जो वजूद की कहानी होते हैं,
खुले दिल के दरवाजे जो खोलते हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा