लरजते लव
तेरे लरजते हुये लवों ने कुछ बोला होता
अपने लफ्ज़ो का रस जरा भी घोला होता
यूं इतना दूर नहीं होता मैं तुम्हारी दुनिया से
गर तुमनें मुझे उस वक्त जरा भी रोका होता
वेखॉफ शायर:-
राहुल कुमार सागर
“बदायूंनी”