*** लम्हा…..!!! ***
“” कभी एक लम्हा ऐसा भी आता है…
जिसमें बीता हुआ कल नजर आता है…!
बस यादें ही रह जाती है, एक दृश्य बनकर…
याद करने के लिए…!
और…
वक्त सब कुछ लेकर गुजर जाता है…
दिन छोटा, रातें भी छोटी लगती है…!
कुछ अहसास होता है, मुझे…
समय, जैसे जिंदगी से भी…,
तेज भाग रही है…!
और…
एक आवश्यकता की तालाश में…
बस हर वक्त, मैं…
कुछ अनुमान लगाता रहा…!
अब केवल अनुभव ही एक…
मेरा साथ रहा…!
अब केवल अनुभव ही एक…
मेरा साथ रहा…!! “”
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