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18 Jul 2023 · 1 min read

लम्हा भर है जिंदगी

सबसे तू हँस बोल ले प्यारी भवर है जिंदगी
साँस के बस एक झोंके का सफ़र है जिंदगी

जिंदगी जी ले जी भर मत सोच ज्यादा अब इसे
क्या पता वर्षों की है या लम्हा भर है जिंदगी

खोज ले पल हसरतों के कुछ तो जीने के लिए
ग़म पे ग़म देने लगी है बेअसर है जिंदगी

कर ले कुछ परमार्थ बंदे प्रेम सच्चा मार्ग है
सामने तुझको दिखाती रहगुज़र है जिंदगी

जो उछलते हैं बहुत आसमानों में उन्हें
पैर के नीचे ही रखती चश्मे-तर है जिंदगी

चल रहा है कारवाँ बस साथ तू भी चल यहाँ
नर्म पसरे घास पर शबनम का घर है जिंदगी

है पढ़ाती पाठ कुछ-कुछ रोज जीने के लिए
छोड़ जाती छाप ये गहरा असर है जिंदगी

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी
sksinghsingh4146@gmail.com

Language: Hindi
1 Like · 195 Views

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