लफ्जों के जाल में उलझा है दिल मेरा,
लफ्जों के जाल में उलझा है दिल मेरा,
हर हर्फ़ में बसी है एक दास्तान,
गहराई में उतरती हूँ तो पाती हूँ,
ख्वाबों की वादियों में बसा है अरमान।
हर अल्फ़ाज़ एक नयी दुनिया का दरवाज़ा,
जहाँ बसते हैं अनगिनत ख़्यालात,
भावनाओं की परछाइयों में लिपटा,
ये दिल ढूंढता है एक नया साथ।
ऋतु राज शब्दों की माला में पिरोये हैं सपने,
हर मोती में छुपी है एक नई कहानी,
ये लफ्ज़ नहीं सिर्फ़ आवाज़ें हैं,
जिनमें बसती है दिल की रवानी।
मौसमों की तरह बदलते हैं ये लफ्ज़,
कभी खुशियों की बौछार, कभी ग़म का आलम,
पर हर हाल में ये संजीदा रहते हैं,
दिल की बात कहने का सबसे प्यारा आलम।
तो चलो इस जाल में खो जाएँ,
और ढूंढें अपनी अपनी मंज़िल,
क्योंकि लफ्ज़ों के इस अनोखे सफ़र में,
हर दिल को मिलती है उसकी मंज़िल….!!!!!