लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
मुस्कुराहट चहरे पर और दिल में कुछ राज छिपाता है ।।
इतने बेहतरीन फ़नकार हैं सब,लेकिन फिर भी चहरे का असली रंग तो दिख ही आता है ।।
चंद लम्हों का खेल हैं जिन्दगी
,पता सब को हैं की साथ में कोई क्या लेकर जाता है ।।