लत / MUSAFIR BAITHA
एक मंदिर के कथित गर्भगृह का गेट महज साढ़े तीन फीट ऊँचा रखा गया था ताकि भक्तों को झुकने की आदत लगे!
झुककर ही उसके अंदर प्रवेश कर गर्भगृह में कैद ईश्वर तक कोई भक्त अथवा ईश्वर-एजेंट पहुँच सकता था।
इस ईश्वर के दर्शन के अभिलाषी सिर झुकाने के अनअभ्यासी कभी कभार आने वाले भक्तों के सिर धोखे से दरवाजे के ऊपर टकराते और फूट जाते।
मंदिर के पुजारी को बार बार नित दिन गर्भगृह में जाना पड़ता था, बूढ़े पुजारी को देह झुकाते झुकाते कमरदर्द की बीमारी हो गयी।
मरता क्या न करता, कुढ़ता रहता, मगर, आना जाना वहां करना ही पड़ता! जानता था, भगवान भक्तों की उतनी ही खबर रखते हैं जितनी कि दर्द से निजात पाने में भगवान से उसे मदद मिल रही थी!
भयानक यह हुआ कि उसकी सिर झुकाने की आदत अब लत में बदल चुकी थी। पाँच फिट का वह ठिगना पुजारी अब 7 फीट ऊँचे पाखानाघर के दरवाजे से गुजरते भी अपना शीश नवा लेता था!