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3 Jul 2023 · 1 min read

*लता (बाल कविता)*

लता (बाल कविता)

लता एक पौधा कहलाती
अपने बल पर कब चढ़ पाती
लेती है यह तनिक सहारा
अपना भार किसी पर सारा
सदा लता की नाजुक काया
रूप लता का सबको भाया

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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