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21 Nov 2021 · 1 min read

लड्डू का भोग

लड्डू का भोग लगाऊँगा ,
माँ खाना नहीं खाऊँगा ,

लड्डू देख मुंँह में आए पानी,
एक नहीं दो चार मैं खाऊंँ,

गोल-गोल दिखने में लड्डू ,
मीठे स्वाद में स्वादिष्ट है लड्डू ,

हलवाई दादा देर न लगाओ ,
दे दो लड्डू प्रसाद मैं खाऊंँ ,

मन ही मन फूट रहे लड्डू ,
एक और मिल जाए खाने को लड्डू ।

रचनाकार ,
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।

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