लड़ो लड़ाई दीन की
लड़ो लड़ाई दीन की
लड़ो लड़ाई दीन की, छोड़ आपसी राड़।
दीन दुखी का हेत कर, बाकी जाए भाड़।।
लड़े लड़ाई दीन की, उसको योद्धा मान।
वरना लड़ना है बुरा, नहीं लड़न में शान।।
लड़ी लड़ाई आज तक, मिटे घणे घर बार।
जीवित रहता है सदा, मीत प्रीत अरु प्यार।।
लड़ी लड़ाई विगत में, जर जोरू अरु राज।
खून खराबे में सजे, राजा के सिर ताज।।
लड़ो लड़ाई आप भी, लेना लड़ना सीख।
शोषण सहना भी बुरा,नहीं मिलै हक भीख।।
लड़ी लड़ाई भीम ने, बिना किसी हथियार।
दीन दुखी के दुख हरे, दिए सभी अधिकार।।
सिल्ला सत्ता से लड़ो, मांगों हक अधिकार।
भेदभाव सब भूल कर, करो सभी से प्यार।।
-विनोद सिल्ला