लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
सपनों की राह कठिन है, पर हम ना रुकेंगे,
हौंसले की उड़ान भर, हर मुश्किल से लड़ेंगे।
अंधियारे से डरना कैसा, जब दीपक हम जलाएंगे,
हर रुकावट को पार कर, मंजिल को पाएंगे।
विपत्तियाँ आएंगी, पर हमें ना झुका पाएंगी,
हमारे संकल्प और साहस को ना डिगा पाएंगी।
धीरज की डोर थाम, हम आगे बढ़ते जाएंगे,
जीवन के हर संघर्ष को, मुस्कान से अपनाएंगे।
विघ्नों की आंधी में भी, हम दीप जलाएंगे,
हर कांटे भरी राह में, फूल खिला जाएंगे।
हौंसले की मशाल लिए, चलेंगे हर एक कदम,
हमारे संग चलती रहेगी, जीत की ये लहर अनंत।