Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2023 · 1 min read

लड़ना है तो लड़ें सिंह से

लड़ना है तो लड़ें सिंह से, बकरे से क्या लड़ना
एक बार मरना निश्चित है, बार-बार क्यों मरना

बकरे की माॅं खैर मनाती, मगर न बकरा बचता
सबल सिंह की बात और है, मानव उससे डरता
मुश्किल लगता हर मनुष्य को, प्राण सिंह के हरना
एक बार मरना निश्चित है, बार-बार क्यों मरना

निर्बल के बल राम स्वयं हैं, उनसे नाता जोड़ें
अगर कर सकें, करें सिंह बध, पकड़ें उसे, न छोड़ें
साहस कर हम सिंहद्वार पर, देकर देखें धरना
एक बार मरना निश्चित है, बार-बार क्यों मरना

सिंह और खरहे का किस्सा, सुना सभी ने होगा
देखा हुई सिंह की दुर्गति, किया किसी ने होगा
सीखें बुद्धिमान खरहे-सा, बन यश अर्जित करना
एक बार मरना निश्चित है, बार-बार क्यों मरना

सिंह हुआ हो यदि नरभक्षी, तो संहार जरूरी
हिम्मतवर बन आगे आएं, शक्ति लगा दें पूरी
मानवता के कष्ट सर्वविधि, होगा हमको हरना
एक बार मरना निश्चित है, बार-बार क्यों मरना

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रजस्वला
रजस्वला
के. के. राजीव
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
Dr fauzia Naseem shad
चाहत
चाहत
Bodhisatva kastooriya
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ए जिन्दगी कुछ
ए जिन्दगी कुछ
हिमांशु Kulshrestha
दोनों हाथों की बुनाई
दोनों हाथों की बुनाई
Awadhesh Singh
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
अभी तो वो खफ़ा है लेकिन
gurudeenverma198
पौधे मांगे थे गुलों के
पौधे मांगे थे गुलों के
Umender kumar
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
*होठ  नहीं  नशीले जाम है*
*होठ नहीं नशीले जाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
आंखों की नदी
आंखों की नदी
Madhu Shah
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
कवि दीपक बवेजा
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग्यारह होना
ग्यारह होना
Pankaj Bindas
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
राम बनना कठिन है
राम बनना कठिन है
Satish Srijan
"सफलता का राज"
Dr. Kishan tandon kranti
फिर फिर मुड़ कर
फिर फिर मुड़ कर
Chitra Bisht
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
Dheerja Sharma
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
Loading...