लड़की
नहीं जी इस सांवली लड़की से मेरे बेटे की शादी थोड़ी ही होने दूँगी। चाँद जैसी बहू चाहिए मेरे बेटे को तो चलो जी दुनिया में लड़कियों की कोई कमी नहीं है ,कोई और खूबसूरत लड़की देखेंगे। अपने लड़के लिए रिश्ता देखने आई कामिनी ने रीना को नकारते हुए अपने पति से कहा। पर कामिनी रीना के गुणों को देखो । वह अच्छे अंकों से स्नातक पास है , घर के सारे कार्यों में निपुण है रीना । हाँ जी सुन लिया आप चलते हैं कि नहीं मैं तो ता रही हूँ ऐसी सांवजी ले जाकर मेरी तो मोहल्ले में नाक कट जाएगी। आखिर महता जी को कामिनी की जिद्द के आगे झुकना पड़े और वो वहां से लौट आए।
कुछ दिनों बाद कामिनी ने अपनी पंसद की लड़की से अपने बेटे की शादी करवा दी। उनकी छोटी बेटी दिव्या भी अब शादी के लायक हो गई थी। आज दिव्या को लड़के वाले देखने आ रहे हैं। घर में तैयारियां चल रही है मगर बेटे और चाँद-सी बहू का अभी तक पता नहीं कि वो आऐंगे या नहीं। खैर लड़के वाले जरूर पहुँचे । उन्होंने दिव्या को देखा मगर शादी के लिए राजी नहीं हुए। वैसे तो दिव्या के चरित्र में कोई दोष नहीं, अच्छी पढ़ी-लिखी भी है। पर एक ही कारण लड़के वालों ने बताया कि उसका रंग थोड़ा सांवला है इसलिए वो दिव्या का रिश्ता नहीं ले रहे। लड़के वालों का जवाब सुनकर कामिनी का व्यक्त्वि उससे जवाब मांगने लगा था पर शायद उसके पास निरूत्तर रहने के अलावा कोई चारा भी नहीं था।