Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2024 · 1 min read

*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*

लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)
________________________
लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में
1)
मेले में हैं चाट-पकौड़ी, ढेरों खेल-खिलौने हैं
कुछ हैं लंबे सात फुटी जन, चार फुटी कुछ बौने हैं
कुछ के साथ मित्र-संबंधी, तो कुछ दिखे अकेले में
2)
मेले में अनजान सभी यों, फिर भी अपनापन जागा
सबका ही उद्देश्य भ्रमण था, भेदभाव सब में भागा
कुछ ज्यादा ही उत्साह दिखा, आए नए-नवेले में
3)
चार दिवस का था यह मेला, घंटे- दो घंटे घूमा
कहीं-कहीं झगड़ों में कुछ ने, तलवारों को भी चूमा
सबसे अच्छे रहे वही जो, पड़ते नहीं झमेले में

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
67 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जीवन में निरंतर जलना,
जीवन में निरंतर जलना,
जय लगन कुमार हैप्पी
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
singh kunwar sarvendra vikram
चांद तो चांद ही
चांद तो चांद ही
shabina. Naaz
"वो दीवारें"
Dr. Kishan tandon kranti
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
कुछ लोग जन्म से ही खूब भाग्यशाली होते हैं,
कुछ लोग जन्म से ही खूब भाग्यशाली होते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
तिश्नगी
तिश्नगी
Shyam Sundar Subramanian
जीत
जीत
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
Ranjeet kumar patre
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*बगिया जोखीराम में श्री राम सत्संग भवन का निर्माण : श्री राजेंद्र जायसवाल जी का
*बगिया जोखीराम में श्री राम सत्संग भवन का निर्माण : श्री राजेंद्र जायसवाल जी का
Ravi Prakash
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
भोर के ओस!
भोर के ओस!
कविता झा ‘गीत’
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
4621.*पूर्णिका*
4621.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
अभिमान
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
😢कमाल की सिद्ध-वाणी😢
😢कमाल की सिद्ध-वाणी😢
*प्रणय*
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समाज और सोच
समाज और सोच
Adha Deshwal
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
जो झूठ है वहीं सच मानना है...
P S Dhami
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
जिस कार्य में मन लगे वही कार्य जीवन सफ़ल करे
Sonam Puneet Dubey
Loading...