लजा गयी है।
चेहरे पर लालिमा छा गयी,
ओठों से मुस्कुरा गयी ,
दिखी यूँ पूर्णिमा की चाँद की तरह,
पुष्प की भांँति लजा गयी है।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश।
चेहरे पर लालिमा छा गयी,
ओठों से मुस्कुरा गयी ,
दिखी यूँ पूर्णिमा की चाँद की तरह,
पुष्प की भांँति लजा गयी है।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश।