#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
■ दिल, बस उसी का।।
“आँखों में ख़्वाब ये किसका है?
ये दिल बचपन से
जिसका है।।
जो खुशियों में संग
मुस्काया।
जो दुःख में संग-संग
सिसका है।।”
【प्रणय प्रभात】
#लघु_कविता-
■ दिल, बस उसी का।।
“आँखों में ख़्वाब ये किसका है?
ये दिल बचपन से
जिसका है।।
जो खुशियों में संग
मुस्काया।
जो दुःख में संग-संग
सिसका है।।”
【प्रणय प्रभात】